वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज :- प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के जरिये देश भर की अटकीं योजनाओं को गति देने का अभियान मंगलवार को शुरू किया गया। चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल में वाणिज्य मंत्रालय की ओर से पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर आधारित दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का उद्घाटन हुआ। इसमें वक्ताओं ने कहा कि विकसित देशों की कतार में भारत को खड़ा करने के लिए पीएम गति शक्ति योजना लाई गई है। इस योजना से सभी अटकीं योजनाओं को गति दी जाएगी। इसमें ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के जरिये आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी। इस संबंध में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया गया।
कार्यशाला में विशेष सचिव, लॉजिस्टिक्स सुमिता डावरा ने कहा कि पीएम गतिशक्ति एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण है। इसे देश में अगली पीढ़ी के लिए बुनियादी ढांचे की योजना बनाने और निर्माण के लिए लांच किया गया था, जिससे ईज ऑफ लिविंग के साथ-साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार के लिए मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। कार्यशाला में डेटा गुणवत्ता को बढ़ाने के साथ पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) को तेजी से लागू करने के मुद्दों पर पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया गया। पीएम गतिशक्ति के तहत डेटा लेयर्स गुणवत्ता सुधार योजना (क्यूआईपी), सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे का विकास, प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप (पीएमजी) और यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूएलआईपी) का उपयोग कर लॉजिस्टिक सहूलियत के तकनीकी इंटरफेस के उपयोग की प्रगति निगरानी पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में एचएन अवस्थी ने पोर्ट, शिपिंग और जलमार्ग पर प्रेजेंटेशन दिया। बताया कि काशी से हल्दिया तक और बोगीबील तक सुविधाओं का विकास किया जा चुका है। इसके अलावा इसमें तेजी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पीवी तरून साकेत ने अक्षय ऊर्जा को नए युग की ऊर्जा बताया। इस मौके पर प्रकाश कोशी, गणेश्वर जे राव, अभिषेक चौधरी, अभिषेक अग्रवाल ने भी पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया।
रोप-वे के निर्माण कार्य में आएगी तेजी
सड़क और हाईवे यातायात पर प्रस्तुतिकरण में आरपी सिंह ने कहा कि काशी में रोप-वे का काम तेजी से पूरा कराया जाएगा। बताया कि पहले विभागों की आपसी खींचतान और भूमि अधिग्रहण जैसी समस्याओं के चलते परियोजनाओं को पूरा करने में परेशानी होती थी। पीएम गतिशक्ति में सभी स्टेकहोल्डर एक प्लेटफॉर्म पर आए हैं। इससे परियोजनाओं में तेजी आएगी।
रेलवे टैक से जुड़ेगा महाराजगंज
कार्यशाला में रेलवे के विकास माॅडल को प्रदर्शित करते हुए शिल्पी कन्नोजिया ने बताया कि पूर्वांचल में रेल विकास का नया पैमाना बनाया जाएगा। पहली बार महराजगंज को रेल से जोड़ा जाएगा। पहले कोयला, सीमेंट जैसे सामान गोरखपुर से सड़क मार्ग से भेजा जाता था। रेल मार्ग से जुड़ जाने पर व्यापारी अपने उत्पाद सीधे महाराजगंज से मंगा सकेंगे। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है। उत्तर प्रदेश में महाराजगंज के रास्ते आनंद नगर और हुगली के बीच लगभग 53 किलोमीटर तक फैली नई ब्रॉड-गेज लाइन का का मॉडल पेश किया गया। यह ब्रॉड गेज गोरखपुर जंक्शन पर रुके बिना महराजगंज होते हुए बाल्मीकि नगर से गोंडा तक जाने वाली ट्रेनों का वैकल्पिक मार्ग होगा।
मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी से उत्पादन लागत कम होगी
प्रस्तावित गोरखपुर-सिलीगुड़ी ग्रीनफील्ड संरेखण (618 किमी) के लिए क्षेत्र में मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ाने और निर्माण लागत को कम करने के लिए उपयोगी पाया गया। इंडो-नेपाल बॉर्डर-हल्दिया ग्रीनफील्ड कॉरिडोर (673 किलोमीटर), 14 जिलों में 30 आर्थिक नोड्स जैसे - पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली (बिहार), धनबाद (झारखंड), पुरुलिया और बांकुरा (पश्चिम बंगाल) में कनेक्टिविटी में सुधार करेगा।
काॅरिडोर से जुड़ेंगे 18 रेलवे स्टेशन व छह हवाई अड्डे
पूर्वोत्तर में विकास के लिए गोरखपुर को केंद्र में रखकर प्रस्तावित कॉरिडोर अठारह रेलवे स्टेशनों (जैसे, मुजफ्फरपुर, वैशाली आदि), छह हवाई अड्डे (पटना आदि) हल्दिया पोर्ट को जोड़ेंगे। एनएमपी पोर्टल के माध्यम से यह लंबाई में 18 प्रतिशत की कमी से यात्रा का समय 18 घंटे से घट कर सात घंटे हो जाएगा। इससे लागत में कमी आएगी और ईंधन की बचत होगी।